योग गुरु  बाबा रामदेव का असली  नाम रामकृष्ण यादव था  

 बाद में इन्होने सन्यासी बनने के बाद  अपना नाम स्वामी रामदेव रख लिया 

 इन्होने आठवीं कक्षा के बाद अलग - अलग गुरुकुल में जाके योग शिक्षाएं लेनी शुरू कर दी थी  

फिर सारी शिक्षाएं लेने के बाद इन्होने दुनियादारी छोड़ संन्यास ले लिया 

 अधिक दवाइयाँ लेने के कारण बचपन में इनका शरीर लकवाग्रस्त हो गया था

रामदेव ने “दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट” कि स्थापना वर्ष 1996 में, आचार्य करमवीर के साथ मिलकर  की थी  

 वर्ष 2003 में बाबा रामदेव ने  आस्था टीवी पर योग दिखाना शुरू कर दिया था 

 महर्षि पतंजलि के नाम पर रामदेव ने  अपने व्यापारिक उद्यम का नाम रखा है 

 रामदेव कोई भी अनाज नहीं खाते केवल  उबली हुई सब्जियां, फल और गाय का दूध ही इनका आहार है 

 भारत में 4 विश्वविद्यालयों ने रामदेव को  डॉक्टरेट पद से सम्मानित किया  है